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भारत के खिलाफ 'ड्रैगन' की 'ड्रोन' वाली चाल !


 

भारत के खिलाफ चीन की नई साजिश का पर्दाफाश, अब ड्रोन की मदद से कर रहा है घुसपैठ। एलएसी पर बना रहे हैं पक्की इमारतें। जानिए क्या है चीन का नया गेमप्लान !

By: रायशुमारी डेस्क न्यूज़ | Updated : 27 Sep 2021

Edited By: BhuvanSharma

LAC पर ड्रोन से निगरानी कर रहा चीन

चीन एक बार फिर भारत के खिलाफ एक नापाक साजिश रच रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में सेना के सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आई है उसने भारत की चिंता एक बार फिर से बढ़ा दी है। खबर आ रही है कि चीन एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अपने ड्रोन से विवादित इलाकों की निगरानी कर रहा है इतना ही नहीं ड्रैगन कहे जाने वाले चीन ने एलएसी के पास 50 हजार सैनिकों की तैनाती भी की है। सरहद पर चीन की फिर से बढ़ती हलचलें काफी है ये साबित करने के लिए कि एलएसी पर शांति बहाली के लिए दर्जनभर से ज्यादा बैठक करने वाला ड्रैगन भारत के खिलाफ षड्यंत्र की कोई नई स्क्रिप्ट लिख रहा है। इधर पिछले कुछ सालों में डोकलाम से लेकर गल्वान तक चीन का जो दोहरा चेहरा भारत को लेकर दिखा है उसे भला कौन भूल सकता है। ऐसे में मीडियो रिपोर्ट्स के हवाले से आई इस खबर को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है, जिसमें सूचना आई है कि जिनपिंग की सेना LAC से सटे इलाकों में ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। ये ड्रोन उन क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं, जहां हमारे सैनिकों की तैनाती है। जैसे, दौलत बेग ओल्डी और गोगरा हाइट्स यहां पर कई एरिया में ड्रोन उड़ते देखे गए हैं। वहीं दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख के सरहदी इलाके में चीन लगातार कंस्ट्रक्शन्स के काम में लगा हुआ है। कड़ाके की सर्दी से अपने सैनिकों को बचाने के लिए या उन्हें वहां पर टिकाने के लिए तंबू की जगह अब पक्के सीमेंट की इमारतें बनाई जा रही हैं। खबर तो यहां तक आ रही है कि तिब्बत को कब्जाने के बाद से चीन लगातार वहां के लोगों को भी चीनी सेना में शामिल करा रहा है, ताकि भारत से लगते सरहदी इलाकों में उनका बखूबी इस्तेमाल कर पाए। ऐसा नहीं है कि भारत खामोशी से ये सब देख रहा है। भारतीय सेना ने भी एलएसी पर अपनी सक्रियता को बढ़ा दिया है। इंडियन आर्मी ईंट का जवाब पत्थर से देना जानती है और नापाक चीन के साथ भी कुछ वैसा ही किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना भी ड्रोन के जरिए पैंगोंग लेक के किनारे, गोगरा हाइट्स और हॉटस्प्रिंग इलाके में चीन की गतिविधियों पर नज़र रख रही है। चीन किस तरह से सामरिक रणनीति के साथ साथ डिप्लोमेटिक मोर्चे पर भी भारत के खिलाफ तैयारी कर रहा है इसका एक और ताजा उदाहरण दो दिन पहले एक्सपोज़ हुए चीनी प्रोपगेंडा से सामने आया जिसमें उसने गलवान झड़प का जिम्मेदार भारत को ठहराया। जबकि सच तो यह है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ बर्बरता की सारी सीमाओं को लांघ दिया था। दरअसल चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को कहा कि चीन और भारत के बीच शांति बनाए रखने के लिए कई संधियां की गई हैं। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल गलवान घाटी में हुई घटना भारत की वजह से हुई, क्योंकि उसने समझौतों का उल्लंघन करते हुए चीन की जमीन पर अतिक्रमण किया और अवैध रूप से LAC को पार किया। हम उम्मीद करते हैं कि भारत आगे से सभी समझौतों का पालन करेगा। गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, उधर चीन ने अपने 4 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की थी। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि मरने वाले चीनी सैनिकों की असल संख्या कहीं ज्यादा थी। तो साफ है कि एक तरफ दर्जनों बैठकें कर चीन भारत के साथ संबंधों को बेहतर करने का ढोंग रच रहा है तो दूसरी ओर एलएसी के नज़दीक नई नई साजिशों की पटकथा लिखी जा रही है।


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