यूपी की राजधानी लखनऊ में एक अजीब सा वाक्या पेश आया. भाजपा के एक कार्यक्रम में बीजेपी सांसद के समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा. कार्यक्रम में सीएम योगी भी मौजूद थे. बदायूं सांसद संघमित्रा को बीच भाषण में रोक देने से वो भी सीधे कुर्सी पर आकर बैठ गईं.
रविवार को यूपी में बीजेपी के एक सम्मेलन में अचानक कुछ ऐसा हुआ कि हलचल बढ़ गई. कार्यक्रम में मौजूद सांसद संघमित्रा मौर्य नाराज़ होकर कुर्सी पर बैठ गईं. यही नहीं संघमित्रा की नाराज़गी से उनकी समर्थक भी भड़क गए और नारेबाजी करने लगे. खास बात ये रही कि जब ये सब कुछ हो रहा था तो मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. हंगामा कुछ देर तक चलता रहा. बाद में सांसद संघमित्रा ने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील की.
आखिर हुआ क्या था ?
दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने मौर्य समाज का सामाजिक प्रतिनिधी सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य भी उपस्थित थीं. मौर्य जब मंच पर बोल रही थीं तब उनके समर्थक लगातार नारेबाजी करने लगे. मौर्य ने बार बार समर्थकों से अनुरोध किया कि वो नारेबाजी ना करें. लेकिन समर्थक नहीं माने, उधर मौर्य ने अपना भाषण जारी रखा लेकिन तभी सांसद संघमित्रा को बीच में रोक दिया गया. इस बात पर कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया. और फिर संघमित्रा नाराज़ होकर अपनी कुर्सी पर बैठ गईं.
हमारी नाराज़गी शीर्ष नेतृत्व से नहीं-संघमित्रा
उधर सांसद संघमित्रा को बीच में ही रोक देने से उनके समर्थक नाराज़ हो गए और नारेबाजी करने लगे. लगातार ये शोर वहां पर सुनाई देता रहा. मंच पर यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे जिनका संघमित्रा के बाद भाषण था लेकिन संघमित्रा मौर्य के समर्थकों की नारेबाजी से पूरा माहौल डिस्टर्ब हो गया. इस बीच मंच पर बैठे सीएम योगी ने सांसद संघमित्रा की ओर देखा, इसके बाद संघमित्रा मौर्य ने खड़े होकर अपने समर्थकों को समझाया और ये कहा कि उनकी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से कोई नाराज़गी नहीं है. उन्होनें समर्थकों को समझाया कि उनकी पार्टी अनुशासन वाली है यहां सूबे के मुखिया और प्रदेश अध्यक्ष बैठे हैं तो कृपया अनुशासन का परिचय दें.
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