एक ऐसी दुनिया जो पिछले कुछ सदियों में ही इंसानी जिंदगी को बदल कर रख दिया है नई तकनीकी का विकास बहुत तेजी से हो रहा है। ऐसे में आजकल टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया शब्द सुनने को मिल रहा है वह है मेटावर्स. अगर आपने अभी तक यह शब्द नहीं सुना तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़िए। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए क्या है मेटावर्स, क्या सच में अब पूरी तरह से बदल जाएगी दुनिया ?
हाइलाइट्स
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तकनीकी के क्षेत्र में मनुष्य ने इतना विकास किया कि कुछ ही सदी में मानव ने नई ऊंचाइयों को छू लिया है। मोबाइल जैसे तकनीक आज के इंसानों की एक अहम जरूरत है। इंसान अपनी दुनिया में टेक्नोलॉजी के साथ पूरी तरह तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहा है। इन दिनों टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया शब्द बार बार सुनने को मिल रहा है और वो शब्द है 'मेटावर्स'। अगर आपने इस शब्द के बारे में नहीं सुना तो यह आर्टिकल पूरा जरुर पढ़िए क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं मेटावर्स के बारे में वह सभी बातें जो आपको जानना जरूरी है। लोगों का मानना है कि ऐसी टेक्नोलॉजी से इंसानों की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी।
मेटावर्स (Metavarse) के बारे में बताने से पहले आपको बता दें कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अगले सप्ताह में अपने कंपनी का नाम बदलने जा रहा है जानकारी के मुताबिक 28 अक्टूबर को सालाना कनेक्ट कांफ्रेंस (Annual Connect Conference) में नए नाम की घोषणा कर दी जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि मार्क जुकेनबर्ग यह कदम मेटावर्स में अपनी भूमिका निभाने के लिए उठा रहे हैं।
मेटावर्स एक ऐसी तकनीक है जिसे आप वास्तविक दुनिया की नकल या कॉपी मान सकते हैं। जिस तरह से हम अपने असल जिंदगी में हर चीज को महसूस करते हैं, चारों तरफ दुनिया जैसे हमको दिखाई देती हैं, ठीक वैसे ही वर्चुअल दुनिया बनाने की तकनीक को मेटावर्स कहते हैं। अगले 5 सालों के अंदर हाई स्पीड इंटरनेट के माध्यम से इसका निर्माण होगा। मेटावर्स जैसे वर्चुअल रियलिटी के सपना को साकार करने के लिए आज बहुत सारी कंपनिया एक साथ काम कर रहीं हैं। ऐसे तकनीक के आ जाने से हमारे जिंदगी पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा और आने वाले कुछ सालों में हमारी दुनिया काफी हद तक बदल जायेगी। फेसबुक ने हाल ही में अपने आप को मेटावर्स कंपनी घोषित कर दिया है। फेसबुक का कहना है की वह एक ऐसी टेक्नोलॉजी लाने जा रही है जो मेटावर्स के लिए यूज़ होगा।
ऐसा माना जा रहा है कि कई टेक्नॉलॉजी को एक साथ मिलाकर एक वर्चुअल दुनिया बनाया जाएगा जिसको मेटावर्स कहते हैं। तकनीकी की दुनिया में अब तक का यह सबसे बड़ा बदलाव होगा। अभी तक वर्चुअल टेक्नोलॉजी में हम सिर्फ अपने आंखों और कानों का ही ज्यादा यूज कर पाते थे, जो हमें वर्चुअलिटी का आभास कराता था, मगर अब यह सब कुछ पूरी तरह बदल जायेगा। मेटावर्स में आप वो सब कुछ करने का आभास कर पाएंगे जो आप अपनी असल जिंदगी में किया करते हैं। आप खाने पीने की हर चीज का स्वाद चख पाएंगे और किसी भी चीज को छू पाएंगे और उसको एकदम ताजे स्वादिष्ट व्यंजन की खुशबू सूंघ सकेंगे। यह सब वर्चुअल यूनिवर्स की दुनिया मेटावर्स में संभव होगा।
इस तरह की कल्पना तो किसी फिक्शन या साइंस फाई मूवी में ही देखने को मिलता था मगर कुछ ही सालों में यह सब सच में संभव हो पाएगा. जरा सोचिए आपको कोई सामान खरीदना हो और आप अपने घर बैठे इसके माध्यम से प्रोडक्ट को हाथ से छू कर देख सकते हैं तो आपको कैसा लगेगा। वर्चुअल दुनिया में आप जमीन खरीद सकेंगे अपने दोस्तों के साथ किसी बहुत बड़े रेस्टोरेंट में खाने पीने का लुफ्त उठा सकेंगे यानी ठीक वैसे ही जैसे आप वास्तविक दुनिया में करते हैं। मेटावर्स को इंटरनेट का भविष्य माना जा रहा है। 5जी टेक्नोलॉजी आने के बाद वैसे भी हमारे जिंदगी की रफ्तार एक अलग ही मुकाम पर होगी लेकिन मेटावर्स तो पूरी तरह हमारी दुनिया को ही बदल देगा।
वैसे आपको बता दें कि मेटावर्स कोई नया शब्द नहीं है। इस शब्द के बारे में सबसे पहले नील स्टीफेनसन ने 1992 में अपने एक साइंस फिक्शन नोवेल स्नो क्रैश में 30 साल पहले ही जिक्र किया था, जबकि आज के समय में वर्चुअल रियलिटी पर आधारित वीडियो गेम और साइंस फाई मूवीज में ज्यादा यूज होता है जो लोग वर्चुअल गेम खेलते हैं वो इस तरह के शब्द से वाकिफ होंगे।
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि मेटावर्स इंटरनेट का भविष्य है। यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जो पूरी दुनिया को कवर कर लेगी यानि वास्तविक दुनिया को हम इंटरनेट की दुनिया में भी वर्चुअली महसूस कर पाएंगे। VR वर्चुअल रियलिटी, वर्चुअल गेम, रोब्लॉक्स, फोर्टनाइट, एनिमल क्रॉसिंग, क्रिप्टो करेंसी की दुनिया और फास्ट इंटरनेट ये सब मिलकर एक मेटावर्स को बनाने में मदद करेंगे। मेटावर्स को आसान भाषा में 'डिजिटल दुनिया' भी कह सकते हैं क्योंकि मेटावर्स पूरी दुनिया को ही डिजिटल बना देगी जहा पर कुछ भी कर पाना संभव होगा।
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