यूपी के गोरखपुर में प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत की खबर ने प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर पर फिर एक बार कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यूपी पुलिस की बर्बरता को लेकर कई खुलासे किए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद से उनकी मौत का मामला और गरमाता जा रहा है। मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई हैरान करने वाले खुलासे सामने आए हैं जिसमें उनकी मौत का सबसे बड़ा कारण पुलिसवालों द्वारा की गई उनकी पिटाई को माना जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष गुप्ता के शरीर पर चार गहरे चोट के निशान मिले हैं और रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि उनके दाहिने हाथ की कलाई पर भी डंडे से गंभीर चोट लगी थी लेकिन उनके सिर में जो गहरी चोट लगी थी वह उनके लिए जानलेवा साबित हुई। इसके अलावा दाहिने हाथ की बांह पर भी डंडे के निशान मिले हैं और बाएँ आँख की ऊपरी परत भी उनको चोट लगी है। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट यह साफ दिखाती है कि किस तरह उनके साथ बर्बरता की गई और यही पिटाई उनकी मौत का कारण भी बनी।
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत गोरखपुर मे हुई थी इस मामले में तीन पुलिस वालों समेत छह लोगों पर यह हत्या का केस दर्ज किया गया है। मनीष गुप्ता की इस सन्दिग्ध मौत के बाद उनका परिवार लगातार प्रदर्शन किया जा रहा था और राज्य सरकार से इंसाफ की मांग की जा रही थी।
बुधवार को मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी की जिला प्रशासन से मुलाकात हुई थी। जिसमें उनकी बात माने जाने का भरोसा दिया। जानकारी के मुताबिक, मनीष गुप्ता एमबीए पढे हुए थे और एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर के पद पर थे। और शादी के बाद मनीष और उनकी पत्नी नोएडा में जॉब कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन के समय दोनों कानपुर आ गए थे और उनका एक चार साल का बेटा भी है, अविराज। मनीष गुप्ता ने करीब चार महीने पहले ही भाजपा के कार्यक्रमों में जाना भी शुरू किया था।
गौरतलब है कि इस विवाद ने राजनीतिक तूल भी लिया और विपक्ष की ओर से सरकार पर सीधा निशाना साधा गया। इस बीच कुल छह पुलिसवालों को सस्पेंड किया गया है। एसएचओ और दो एसआई पर केस दर्ज किया गया है। हालांकि अभी तक किसी भी पुलिसवाले की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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