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Writer's pictureRai Shumari

मोहन भागवत पर ओवैसी का हमला, गांधी पर दिया ये बड़ा बयान



भागवत ने विजयादशमी के दिन नागपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत है। इस बयान पर अब एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीटर के जरिए मोहन भागवत पर हमला बोला है। ओवैसी ने लगातार कई ट्वीट्स किए जिसमें उन्होने भागवत की कड़ी आलोचना की है, जानिए क्या है पूरा मामला



  • हाइलाइट्स

ओवैसी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने, जनसंख्या नीति पर मोहन भागवत के बयानों की कड़ी आलोचना की

​ओवैसी ने एनआरसी के साथ चीन सीमा विवाद पर भी मोहन भागवत को घेरने की कोशिश की

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार रात को लगातार ट्वीट्स कर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए भाषण पर हमला बोला है. ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि मोहन भागवत के विजयादशमी रैली के दौरान दिए गए भाषण पूरी तरह झूठ और आधे सच से भरा है. ओवैसी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने, जनसंख्या नीति पर मोहन भागवत के बयानों की कड़ी आलोचना की है.


कल यानि शुक्रवार को विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं को कई मुद्दों पर संबोधित किया था. भागवत के दिए गए भाषण को लेकर ओवैसी हमलावर हो गए और हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय समाज को गांधी की देशभक्ति या आरएसएस के धोखे में से किसी एक को चुनना होगा.


ओवैसी ने यह भी दावा किया कि करीब 84 फीसदी शादीशुदा बच्चें हिन्दू समुदाय से हैं. हमे बाल विवाह और लिंग परिक्षण पर होने वाले गर्भपात जैसे सामाजिक समस्याओं के बारे में सोचने की जरुरत है. वोवैसी का दावा है कि 2001-2011 के मध्य, मुस्लिम में महिला-पुरुष का अनुपात प्रति 1000 पुरुषों के लिए 936 से बढ़कर 951 मुस्लिम महिलाओं तक पहुंच गया, लेकिन हिन्दूओं में ये अनुपात 931 से बढ़कर 939 में ही सीमित है. इस आधार पर उन्होने कहा कि कोई डेमोग्राफिक इम्बैलेंस नहीं है.

AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी का ट्वीट

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मोहन भागवत का भाषण हर बार की तरह झूठ और आधे सच से भरा है. भागवत ने जनसंख्या नीति की बात करते हुए लोगों के सामने झूठ बोला है कि मुस्लिम और ईसाई की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी हुई है. मुस्लिम जनसंख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है बल्कि सबसे तेज गिरावट आई है.


ओवैसी ने एक और अन्य ट्वीट में कहा कि मोहन भागवत ने तालिबान को आतंकवाद बताया तो क्या मोदी सरकार तालिबान के ऊपर यूएपीए (UAPA) के तहत कोई कार्रवाई करेगी.


ओवैसी ने एनआरसी के साथ चीन सीमा विवाद पर भी मोहन भागवत को घेरने की कोशिश की. एनआरसी को भारत के नागरिक को परेशान करने का हथियार है.


क्या कहा था मोहन भागवत ने

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए बढ़ती जनसंख्या को लेकर अपनी राय व्यक्त की थी. उन्होन कहा था कि जनसंख्या नीति पर एक बार पुन: विचार करने की जरुरत है. भविष्य के लिए नई नीति बनानी चाहिए जो सभी लोगों पर समान रुप से लागू हो सके.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरा के अवसर पर अपने संबोधन में बढ़ती जनसंख्या को लेकर अपनी राय व्यक्त की। संघ प्रमुख नागपुर के रेशमबाग मैदान में वार्षिक विजयादशमी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए। साथ ही उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए. संघ प्रमुख ने कहा कि जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है. जनसंख्या के साथ उसका असंतुलन देश और दुनिया में एक बड़ी समस्या बन रही है.


इस तरह के भाषण और पलटवार देखकर भारत के मशहूर शायर राहत इंदौरी की कुछ लाइनें याद आ जाती है - सरहदों पर बहुत तनाव है क्या, कुछ पता तो करो चुनाव है क्या. यह साल बीतने को है और अगले वर्ष 2022 मार्च में 5 विधान सभा का चुनाव भी है. इन विधान सभा चुनावों में उत्तर प्रदेश भी एक है. इसलिए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सियासत के गलियारे में ऐसे भाषण और पलटवार से किसका लाभ होगा और उसका क्या मतलब निकलकर सामने आता है यह समझना ज्यादा कठीन नहीं है.


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