पांच साल में बीजेपी की सरकार ने उत्तराखंड में तीन सीएम बदले, तीसरे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तीन महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया, अब सवाल ऐसे में ये है कि महज़ तीन महीने वाली धामी की सरकार क्या आने वाले चुनाव में कोई चमत्कार दिखा पाएगी ?
उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद ,जब प्रदेश में यह हलचल थी कि आखिर अब किस धुरंधर का नाम सामने आएगा, तो तमाम बड़े-बड़े चेहरों को पुष्कर सिंह धामी ने पछाड़ दिया था, और यह साबित किया कि वह मुख्यमंत्री बनने के लिए पूरे सक्षम है। धामी को आज बतौर मुख्यमंत्री तीन महीने पूरे हो गए हैं और उनके इन तीन महीनों की उपलब्धि का अंदाजा इस दौरान उनके जरिए लिए गए फैसलों से लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री के इन फैसलों से ना सिर्फ प्रदेश की जनता खुश है बल्कि बीजेपी आलाकमान भी। प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री दोनों ही मुख्यमंत्री की तारीफ कर चुके है, जिससे कहीं ना कहीं यह स्पष्ट हो गया है कि अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में धामी न सिर्फ पार्टी का चेहरा होंगे, बल्कि उन्हीं के कंधों पर पूरा दारोमदार रहेगा।
वहीं मुख्यमंत्री ने तीन महीने का अपना कार्यकाल पूरा होने पर कहा ‘मैं उत्तराखण्ड की जनता का ऋणि हूं, सभी का स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिल रहा है। लोगों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है। इन तीन महीनों के कार्यकाल में मैंने प्रयास किया कि उत्तराखण्ड के सूदूरवर्ती हर क्षेत्रों में रहने वाले माताएं, बहनें, बुजुर्ग, नौजवानों, बच्चों एवं गरीब जनता के लिए कुछ न कुछ देने का प्रयास करूं।’ साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए और तेज गति और ऊर्जा से जन-जन के कल्याण के लिए कार्य करने के लिये वह संकल्पबद्ध हैं। साफ है कि पुष्कर सिंह धामी के लिए बतौर सीएम कम समय का कार्यकाल टी-20 मैच की तरह था, जिसमे हार जीत का असली फैसला तो जनता करेगी, लेकिन भाजपा ने मैन ऑफ द मैच की ट्रॉफी पहले ही धामी को सौंप दी है।
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