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Writer's pictureBhuvan Sharma

कोर वोटर के बाद अब BJP के कोर मुद्दों को भी हाईजैक करने की तैयारी में मायावती !

अपने वोटबैंक को बचाकर दूसरे के वोटबैंक में सेंधमारी करना चुनावी राजनीति का हिस्सा है और इस काम में बसपा सुप्रीमो बहन कु. मायावती ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रही हैं। सोशल इंजीनियरिंग की महारथी मायावती पहले ब्राह्म्ण जैसे कोर वोटर को और अब सीधा भाजपा के कोर मुद्दों को ही हाईजैक करने की तैयारी कर रही हैं।

के हिसाब से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में कुछ ही महीनों बाद चुनाव होने हैं, ऐसे में राजनीतिक तपिश अलग अलग मुद्दों की आंच में धीरे धीरे बढ़ रही है। लखीमपुर की घटना सबसे ताजा मुद्दा है । वहीं दूसरी तरफ यूपी की राजनीति जिसके लिए सबसे ज्यादा जानी जाती है उस पर भी तमाम दल एड़ी चोटी का जोर लगाकर पूरा गुणा गणित सेट कर रहे हैं। जी हां, बात जाति धर्म की राजनीति या उनसे जुड़े वोट बैंक की। यूं तो हर किसी का वोटबैंक परंपरागत तौर पर बंटा ही होता है लेकिन अपने वोटबैंक को बचाकर दूसरे के वोटबैंक में सेंधमारी करना चुनावी राजनीति का हिस्सा है और इस काम में बसपा सुप्रीमो बहन कु. मायावती ज्यादा एक्टिव दिखाई दे रही हैं। सोशल इंजीनियरिंग की महारथी मायावती पहले ब्राह्म्णों को और अब सीधा भाजपा के ही कोर मुद्दे को हाईजैक करने की कोशिश कर रहीं हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण उनका ये बयान हैं जिसमें उन्होनें कहा है कि अगर यूपी में उनकी सरकार बन जाती है तो वह बदले की भावना से काम नहीं करेंगे बल्कि जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उनको पूरा करवाएंगी। मायावती ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी जो निर्माण के कार्य चल रहे हैं, उनको पूरे करवाने की जिम्मेदारी वो लेंगी।

बकौल मायवती, ‘अयोध्या, वाराणसी, मथुरा व अन्य धार्मिक स्थलों पर लोगों की सुविधा के लिए बीएसपी की सरकार के पदचिह्नों पर चलकर वर्तमान सरकार ने जो भी कार्य किए हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा बल्कि पूरा करवाया जाएगा।’

गौरतलब है कि इससे पहले दलितों, पिछड़ों के सरोकारों की बात करने वाली मायावती और उनकी पार्टी कई ब्राह्म्ण सम्मेलनों के जरिए फॉर्वड कास्ट को रिझाती नज़र आईं थी। इसकी कमान उन्होनें अपने सबसे करीबी, पार्टी के वरिष्ठ और ब्राह्म्ण चेहरा सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी थी।

उधर अपने ताजा बयान में मायावती ने चुनाव से पहले कराए जाने वाले सर्वे पर भी सवाल उठाए और बंगाल में ममता का उदाहरण देकर इसे लोगों को गुमराह करने वाला बताया। मायावती ने कहा कि चुनाव से पहले कराए जा रहे सर्वे केवल लोगों को गुमराह कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के लिए किए गए कई सर्वे गलत साबित हुए थे। मायावती ने कहा, बंगाल में जब चुनाव चल रहा था तो वहां पर रिजल्ट आने से पहले सर्वे वाले ममता बनर्जी को बहुत पीछे दिखा रहे थ। लेकिन जब रिजल्ट आया तो,,,जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकना-चूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से वापस आ गईं। इसलिए इनके बहकावे में नहीं आना है।

वहीं बीजेपी और दूसरी विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कई दल भाजपा की मदद कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वह अपना वोट बर्बाद करना चाहते हैं? मायावती ने कहा कि अगर लोगों ने किसी अन्य पार्टी को वोट दिया तो एक बार फिर से भाजपा सत्ता में लौट आएगी।

यही नहीं मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से चुनाव खत्म होने तक किसी तरह की संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं और ना ही विपक्षी दलों के बहकावे में आएं।

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